Anam

Add To collaction

कबीर दास जी के दोहे



अटकी भाल शरीर में, तीर रहा है टूट
चुम्बक बिना निकले नहीं, कोटि पठन को फूट।। 

   2
1 Comments

Babita patel

18-Jan-2023 05:55 PM

nice

Reply